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दिवाली गिफ्ट या वोटबैंक साधने की कोशिश? बस्तियां बचाने को तीसरी बार अध्यादेश लाई धामी सरकार; BJP ने क्या कहा

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दिवाली गिफ्ट या वोटबैंक साधने की कोशिश? बस्तियां बचाने को तीसरी बार अध्यादेश लाई धामी सरकार; BJP ने क्या कहा

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव और दिवाली से ठीक पहले भाजपा ने बस्तियों के लिए अध्यादेश लाकर वोटबैंक साधने की कोशिश की है। हालांकि, भाजपा नेता इसे राजनैतिक से अधिक जनहित से जुड़ा विषय बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह फैसला चुनाव से पहले होना इत्तेफाक है।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, देहरादूनThu, 24 Oct 2024 04:07 AM
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उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव और दिवाली से ठीक पहले भाजपा ने बस्तियों के लिए अध्यादेश लाकर वोटबैंक साधने की कोशिश की है। हालांकि, भाजपा नेता इसे राजनैतिक से अधिक जनहित से जुड़ा विषय बता रहे हैं। उनका कहना है कि यह फैसला चुनाव से पहले होना इत्तेफाक है। यह मसला पहले से चल रहा था।

भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के अनुसार, पार्टी ने पहले भी बस्तियों का ध्यान रखा है। हमारा स्पष्ट दृष्टिकोण है कि पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का ध्यान रखना है। उसी क्रम में यह काम किया गया है। इसे चुनाव से जोड़ना ठीक नहीं। धामी सरकार ने तो बस कांग्रेस की राजनैतिक सोच को करारा जवाब दिया है। बस्ती में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति भाजपा का समर्थक है, मतदाता है और कहीं न कहीं उनकी आशाएं अपनी ही सरकार से थीं, जो मुख्यमंत्री ने पूरी की।

सियासी लाभ नहीं, जनहित को देखा खजानदास

राजपुर रोड विधायक खजानदास कहते हैं कि अध्यादेश के लिए मुख्यमंत्री का आभार। अब हमें अगले तीन साल में अदालत में बस्तियों के नियमितीकरण की दिशा में बात करनी है। जब हमने बस्तियों में मूलभूत सुविधाएं दे दी हैं तो उन्हें उजाड़ना उचित नहीं। लेकिन, कांग्रेस जिस तरह नियमितीकरण की बात करती आई है, 2016 में बड़े-बड़े होर्डिंग भी लगाए, उसमें केवल चालीस से पचास तक लाभार्थियों को आवास मिल सकते थे, वह उचित न्याय नहीं था। बकौल खजानदास, भाजपा राजनैतिक नहीं, बल्कि जनहित के मुद्दों को देखकर काम कर रही है।

नियमावली की खामियां भी दूर करवाएंगे: काऊ

रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ कहते हैं कि अध्यादेश प्रक्रिया का ही हिस्सा था। इसमें राजनैतिक लाभ या हानि देखने का औचित्य नहीं। बस्तियों को लेकर पहले की नियमावली में जो खामियां थीं, उनको भी दूर करवाएंगे। इसी खामी के कारण बस्ती को लेकर कांग्रेस ने जो समिति बनाई थी, उसके अध्यक्ष अपना घर नियमित नहीं करवा पाए। उन्होंने अध्यादेश के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। वे बोले, सरकार हर वर्ग को साथ लेकर चलती है।

राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता अशोक वर्मा ने कहा, ‘धामी कैबिनेट की बैठक में बस्तियों पर अध्यादेश लाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत पूरी कैबिनेट का आभार व्यक्त करता हूं, स्वागत करता हूं। लंबे समय से बस्तियों में रह रहे लोगों के घरों पर तलवार लटकी हुई थी। लेकिन, अब अध्यादेश से राहत मिलेगी।’



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