Uttarakhand

जोशीमठ में जियो टेक्निकल सर्वे का काम जारी, 80 मीटर नीचे जमीन की हो रही जांच।

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चमोली/जोशीमठ – भूंधसाव प्रभावित जोशीमठ में नीदरलैंड की कंपनी फुगरो द्वारा जियो टेक्निकल सर्वे का काम जारी है। सर्वे के कार्य में लगी कंपनी का कहना है कि औली मार्ग पर चल रहे सर्वे के बाद नगर में पांच अन्य जगहों में भी जियो टेक्निकल सर्वे होना है।

यह कार्य भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ के स्थाई ट्रीटमेंट कार्य को अमल में लाए जाने की कार्ययोजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सर्वे कार्य में जुटी कंपनी का कहना है कि 45 मीटर नीचे भी अभी हार्ड रॉक नहीं मिली है।

लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया कार्य

उत्तराखंड सरकार ने भूंधसाव प्रभावित जोशीमठ के ट्रीटमेंट व भविष्य की कार्य योजना भूमि की भार क्षमता जानने के लिए लोक निर्माण विभाग को जियो टेक्निकल सर्वे का काम सौंपा है। नीदरलैंड की कंपनी फुगरो कंपनी के य जोशीमठ कार्य प्रबधंक बलबीर सिंह धर्माण का कहना है कि नौ नवंबर से नीदरलैंड की कंपनी फुगरो को जियो टेक्निकल सर्वे करने जोशीमठ पहुंची थी।

प्रथम चरण में उन्हें भूंधसाव से प्रभावित औली मार्ग पर हार्ड रॉक के साथ भूमि की मिट्टी व अन्य स्थितियों का आंकलन की जिम्मेदारी टेक्निकल कंसल्टेंसी सर्विस कंपनी के माध्यम से दी गई थी , इस कार्य को उत्तराखंड लोनिवि करा रही है। अब तक वे 45 मीटर तक जमीन के नीचे सर्वे कर चुके हैं लेकिन अभी उन्हें हार्ड रॉक नहीं मिली है।

80 मीटर नीचे जमीन की हो रही जांच

सर्वे कार्य में जुटी कंपनी के प्रबधंक का कहना है कि नगर में कुल छह स्थानों पर जियो टेक्निकल सर्वे के माध्यम से भूमि के अंदर पक्की चट्टानों को अवलोकन किया जाना है। कहा कि औली रोड पर अब तक किए गए सर्वे में हार्ड रॉक नहीं मिलने के चलते अब 80 मीटर नीचे जमीन की जांच की जा रही है।

बताया गया कि नगर के मारवाड़ी, मनोहर बाग, गांधीनगर, सिंहधार, मारवाड़ी तिराहे के आस पास पांच अन्य जगहों पर भी भूगर्भीय सर्वे होना है। कहा कि सर्वे के माध्यम से जमीन की गहराईयों में हार्ड रॉक मिट्टी, बोल्डर सहित अन्य स्थितियों का अवलोकन किए जाने की जिम्मेदारी कंपनी को सौंपी गई है। इस सर्वे का काम में टेक्निकल कंसल्टेंसी सर्विस कंपनी द्वारा दिया गया है।

छह जगहों पर होना है जियो टेक्निकल सर्वे

लोनिवि के अधिशासी अभियंता राजवीर सिंह चौहान का कहना है कि 45 मीटर नीचे जाने के बाद भी हार्ड रॉक नहीं मिली है अब उन्होंने कहा कि भूधंसाव प्रभावित जोशीमठ का छह जगहों पर जियो टेक्निकल सर्वे किया जाना है जिसके माध्यम से जमीन की गहराईयों की जांच कर वस्तु स्थिति का पता लगाकर भूधंसाव रोकने के लिए किए कार्ययोजना बनाई जाएगी।

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