Uttarakhand
चमोली हादसे की यह थी बड़ी वजह, विस्तृत रिपोर्ट में हुआ खुलासा, इन तीन कंपनियों के ऊपर गिरी गाज।
चमोली – चमोली हादसे में मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट आई सामने।
मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में पाई गई कई खामियां।
चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट की साइट पर फैला था करंट।
हादसे में 16 की मौत और 12 लोग गंभीर रूप से हुए थे घायल।
हादसे की जांच के लिए सीएम धामी ने दिए थे मजिस्ट्रियल जांच आदेश।
जांच अधिकारी एडीएम चमोली डॉ अभिषेक त्रिपाठी ने सौंपी डीएम को हादसे की रिपोर्ट।
जांच में कई खामियों और कई की गई है संस्तुतियां।
एसटीपी प्लांट की विद्युत व्यवस्था किए गए अनुबंध और विद्युत सुरक्षा के मानकों के अनुरूप न होना बताया गया कारण।
अनुबंधित फर्म के द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा का बताया गया अभाव।
विद्युत विभाग और जल संस्थान के कर्मचारियों के बीच आपसी सामंजस्य की रही कमी।
दुर्घटना की तीव्रता बढ़ने का कारण एसटीपी प्लांट पर पहुंचने वाले रास्ते था छोटा।
जांच अधिकारी ने तीनों कंपनी के अनुबंध को किया निरस्त करने की संस्तुति।
उत्तराखंड और भारत में भी तीनों कम्पनी को किया जाए ब्लैक लिस्ट।
अनुबंध की शेष अवधि में अनुबंध के अधीन समस्त सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के ऑपरेशन और मेंटेनेंस पर आने वाले खर्च मरम्मत को फर्मों से वसूला जाए।
विद्युत विभाग और जल संस्थान के कर्मियों के मध्य आपसी सामंजस्य के अभाव के कारण भीषण दुर्घटना के जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध विधि अनुकूल कार्यवाही की जाए।