हरिद्वार: संस्कृत एकेडमी में गुरु तेग बहादुर सिंह के 350वें बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी में उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
गुरु तेग बहादुर शहीद दिवस पर हरिद्वार में संगोष्ठी का आयोजन,राजयपाल गुरमीत सिंह ने की शिरकत
राज्यपाल गुरमीत सिंह और परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान गुरु तेग बहादुर सिंह के द्वारा किए गए महान कार्यों को याद करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय प्रबंधन को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय द्वारा गुरु गोविंद सिंह, चार साहिबजादों और गुरु तेग बहादुर सिंह के ऊपर चार किताबें लिखकर महान कार्य किया गया है। गुरु तेग बहादुर के जीवन से पूरे समाज को बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है। उन्होंने अत्याचार के खिलाफ स्वतंत्रता और मानव जाति के लिए अपने प्राणों तक को न्यौछावर कर दिया। उनके पुत्र सच्चे पातशाह और पौते चारों साहबजादों ने राष्ट्र और धर्म की स्वतंत्रता लिए अपना बलिदान तक दे दिया। औरों के लिए बलिदान देना गुरु तेग बहादुर और उनका परिवार सबसे बड़ा उदाहरण है।
आज देश में नए-नए नैरेटिव गढ़े जा रहे : चिदानंद मुनि
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि आज देश में नए नए नैरेटिव गढ़े जा रहे हैं। ऐसे में गुरु तेग बहादुर की परम आवश्यकता है। उन्होंने किसी सियासत के लिए अपना बलिदान नहीं दिया, बल्कि देश को बचाने के लिए बलिदान दिया था। ऐसे महान लोगों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
