किसी ने रैलिंग पकड़ी थी तो किसी ने पोल का सहारा लिया। कुछ सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे। हर जगह करंट था। बिजली के करंट के रूप में दौड़ी मौत ने वहां लाशों का ढेर लगा दिया। इसके बाद का नजारा जिसने देखा उसके पैरों तले की जमीन निकल गई।
दरअसल, अलकनंदा नदी के किनारे बने इस एसटीपी प्लांट को जाने वाला रास्ता वहां सेफ्टी वॉल (सुरक्षा दीवार) के ऊपर बना है। यह बमुश्किल चार फीट चौड़ा और 30 मीटर लंबा रास्ता है। इसके दोनों ओर लोहे की जाली की रेलिंग लगी है। इसके साथ ही लोहे के चार खंभों के सहारे प्लांट तक एक पाइप पहुंचाया गया है।
सुबह के वक्त यहां स्थानीय लोग ऑपरेटर की तलाश में पहुंचे थे। ऑपरेटर यहां लोहे की सीढ़ियों के पास इसी चार फीट के प्लेटफार्म पर पड़ा था। एक के बाद एक यहां लोगों की भीड़ लग गई। चौकी प्रभारी प्रदीप रावत भी वहां कुछ सिपाहियों और होमगार्ड के साथ पहुंचे थे।
छोटी सी जगह पर तकरीबन 35 लोग वहां जमा हो गए। मौत जैसे उन्हें चुपके से देख रही थी। अचानक वहां लोहे की सीढ़ियों के पास हाई वोल्टेज करंट दौड़ गया। इसकी चपेट में आए कई लोगों में देखते ही देखते आग की लपटें उठने लगीं। कुछ लोग ऐसे जल रहे थे कि मानों सूखे पत्तों के ढेर में किसी ने आग लगाई हो।