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Uttarakhand

क्रिमिनल उत्तराखंड को सॉफ्ट कॉर्नर समझने की न करें गलती, DGP अभिनव कुमार ने एनकाउंटर की दे दी वॉर्निंग

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क्रिमिनल उत्तराखंड को सॉफ्ट कॉर्नर समझने की न करें गलती, DGP अभिनव कुमार ने एनकाउंटर की दे दी वॉर्निंग

अपराधी उत्तराखंड को साफ्ट कार्नर समझ रहे हैं। यह उनकी भूल है। उत्तराखंड में एनकाउंटर समय की मांग है। नरम रुख अपनाने से अपराधियों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। अपराधियों के मंसूबों को किसी भी हाल में पूरा नहीं होने दिया जाएगा। यह बात अल्मोड़ा पहुंचे डीजीपी अभिनव कुमार ने प्रेस वार्ता के दौरान कही। 

मालरोड स्थित वीपीकेएएस सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड में हुए एनकाउंटर की बात करें तो अपराधियों ने जघन्य अपराध किए थे। कुछ अपराधी उत्तराखंड को सॉफ्ट टारगेट समझते हैं। पुलिस रिस्क लेकर अपराधियों को पकड़ने जाती है। 

ऐसे में पुलिस के लिए जान का खतरा हो जाता है। समय की मांग के हिसाब से एनकाउंटर किए जा रहे हैं। जिससे अपराधियों पर पुलिस का खौफ बना रहे। अपराध के खिलाफ पुलिस नरम रुख नहीं अपनाएगी। 

पुलिस कभी भी रंजिशन काम नहीं करती है। पुलिस की नियत साफ है, इसीलिए फास्ट एक्शन लिए जा रहे हैं। बीते दिनों विधानसभा में पुलिस पर झूठे मुकदमे दर्ज करने के लगे आरोपों पर डीजीपी ने कहा कि अपराध के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का राजनीतिकरण न हो। 

गंभीर अपराधों पर साक्ष्य देखकर ही पुलिस कार्रवाई करती है। पुलिस अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि राजनैतिक दबाव और रंजिशन के चलते किसी प्रकार की कार्रवाई न की जाए।

थानों में निसंकोच आ सकेंगी पीड़ित महिलाएं डीजीपी ने कहा कि पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाएं निसंकोच अपनी बता रख सकें इसके लिए थानों की व्यवस्था बदली जाएगी। हर थाने में महिलाओं के लिए अलग से डेस्क स्थापित कर महिला दरोगा को शिकायत सुनने की जिम्मेदारी दी जाएगी।

हर थाने में फॉरेंसिक टीम होगी, सीओ भी मिलेंगे

वर्तमान में कुमाऊं में फॉरेंसिक टीम की भारी कमी है। सीओ की तैनाती नहीं है। इस पर डीजीपी ने कहा कि पुलिस जल्द ही हर थाने में फॉरेंसिक टीम की तैनाती करेगी। पहाड़ के जिलों में एडिशनल एसपी तैनात होंगे। सीओ के पदों पर भी जल्द नियुक्ति दी जाएगी। जवानों को मानसिक अवसाद से बाहर निकालने को काम किया जाएगा।

थानों का वर्क लोड किया जाएगा कम

डीजीपी ने बताया कि कई थानों में काफी अधिक वर्कलोड है और जवानों की कमी है। इसके समाधान के लिए कस्बों व नगर के अलावा पहाड़ के थानों की समीक्षा की जाएगी। अपराध और पर्यटन लोड को कम करने पर मंथन होगा। पुलिस के पास वर्तमान में 28 हजार के सापेक्ष 24 हजार जवान हैं।

20 करोड़ से हर थाने को बनाएंगे इको फ्रेंडली

डीजीपी ने कहा कि पहाड़ में कई थाने ऐसे हैं जहां संसाधनों का अभाव है। इन थानों को 20 करोड़ की लागत से इको फ्रेंडली बनाया जाएगा। इसके अलावा थानों में तैनात जवानों के लिए प्रति जवान के मुताबिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। ताकि जवानों को परेशानी का सामना न करना पड़े।



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