Uttarakhand

कैंचीधाम बाईपास योजना को फिर झटका, वन विभाग ने क्षतिपूरक भूमि को बताया अनुपयुक्त

Published

on


नैनीताल: लंबे समय से प्रतीक्षित कैंचीधाम बाईपास निर्माण योजना को एक बार फिर झटका लगा है। काठगोदाम से अमृतपुर के बीच प्रस्तावित 3.5 किलोमीटर लंबे इस बाईपास मार्ग के लिए प्रशासन द्वारा वन विभाग को क्षतिपूरक वनीकरण हेतु दी गई भूमि को विभाग ने अनुपयुक्त करार देते हुए फाइल लौटा दी है।

वन विभाग के मुताबिक दी गई जमीन में से आधे हिस्से पर पहले से ही पौधरोपण हो चुका है, ऐसे में दोबारा वनीकरण संभव नहीं है। प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) एवं नोडल अधिकारी रंजन मिश्रा ने इस आधार पर आपत्ति दर्ज की है। नैनीताल और भीमताल मार्ग पर लगातार बढ़ते ट्रैफिक और जाम को देखते हुए यह बाईपास बेहद जरूरी माना जा रहा है।

इस योजना का पहला प्रस्ताव 2019 में लाया गया था, लेकिन वह अमल में नहीं आ सका। 2023 में इसे पुनः शासन को भेजा गया। चिह्नित मार्ग में गौला नदी पर एक पुल भी प्रस्तावित है, और चूंकि यह पूरा क्षेत्र वन भूमि में आता है, इसलिए वन विभाग की अनुमति अनिवार्य है।

अब प्रशासन ने हाईकोर्ट के लिए प्रस्तावित भूमि में से एक हिस्सा लेकर नया प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही वन विभाग, लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम इस भूमि का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के बाद संयुक्त रिपोर्ट बनाकर दोबारा वन विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

जिलाधिकारी वंदना ने जानकारी दी कि वन विभाग की आपत्ति के बाद अब नया विकल्प तलाशा गया है और प्रक्रिया दोबारा शुरू की जा रही है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version