Uttarakhand

एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना पर जिलाधिकारी सविन बंसल का निर्देश – अब एक ही स्थान पर कार्य करेंगे एसडीएम और नोडल अधिकारी….

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देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज ऋषिपर्णा सभागार में देहरादून शहर के प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर परियोजना के संदर्भ में एक अहम बैठक की। इस बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया और कार्यदायी संस्था निर्माण निगम लोनिवि द्वारा परियोजना पर प्रस्तुतिकरण दी गई।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि यह परियोजना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, और इसका उद्देश्य व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता के रूप में इस परियोजना की निगरानी की जा रही है और इसकी प्रगति पर खास ध्यान दिया जा रहा है।

बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एसडीएम एवं परियोजना से जुड़े नोडल अधिकारी एक ही स्थान पर बैठकर परियोजना पर काम करेंगे ताकि समन्वय बेहतर हो सके। उन्होंने संबंधित विभागों को यह निर्देश दिया कि राजस्व, एमडीडीए, नगर निगम, यूपीसीएल आदि के नामित अधिकारी सभी कार्य एक ही स्थान पर करं, ताकि परियोजना की प्रगति में कोई देरी न हो।

जिलाधिकारी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण और नगर निगम तथा एमडीडीए से भूमि बैंक की रिपोर्ट तीन दिन के भीतर प्रस्तुत की जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे फील्ड विजिट करें और किसी भी प्रकार की समस्याओं का समाधान करें।

इस परियोजना के तहत रिस्पना नदी पर 2500 करोड़ रुपये की लागत से 11 किमी और बिंदाल नदी पर 3750 करोड़ रुपये की लागत से 15 किमी लम्बे चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण प्रस्तावित है। इसमें नदी के भीतर विद्युत लाइनों, हाईटेंशन लाइनों और सीवर लाइनों का विस्थापन करना है। साथ ही, नदी किनारे रिटेनिंग वॉल का निर्माण, बाढ़ सुरक्षा कार्य, नदी के पर्यावरणीय स्वास्थ्य सुधार और सौंदर्यीकरण कार्य किए जाएंगे।

रिस्पना एलिवेटेड कॉरिडोर के अंतर्गत कुल 44.6421 हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी, जिसमें 43.5427 हेक्टेयर सरकारी और 1.099 हेक्टेयर निजी भूमि शामिल है। इसमें 1120 संरचनाएं प्रभावित हो रही हैं, जिनमें 771 स्थायी और 349 अस्थायी हैं। वहीं, बिंदाल एलिवेटेड कॉरिडोर के तहत कुल 43.9151 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हो रही है, जिसमें 26.1926 हेक्टेयर सरकारी, 17.7225 हेक्टेयर निजी और 2.25 हेक्टेयर वन भूमि शामिल है। इस परियोजना से 1494 संरचनाएं प्रभावित होंगी, जिनमें 934 स्थायी और 560 अस्थायी संरचनाएं हैं।

इस बैठक में उप जिलाधिकारी सदर हरिगिरि, उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, एसएलओ स्मृता परमार, उप जिलाधिकारी कुमकुम जोशी, अधीक्षण अभियंता मुकेश परमार, अधि.अभि लोनिवि जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी, यूपीसीएल और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।




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