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Uttarakhand

एनआरआई महिला की करोड़ों की संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए कब्जा, शेरखान गैंग का एक और सदस्य गिरफ्तार…..

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एनआरआई महिला की करोड़ों की संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए कब्जा, शेरखान गैंग का एक और सदस्य गिरफ्तार…..


देहरादून : उत्तराखंड के देहरादून जिले में एनआरआई महिला की करोड़ों रुपये की संपत्ति पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कब्जा करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने शेरखान गिरोह के एक सदस्य मोहम्मद अकबर को सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। इससे पहले, पुलिस ने शेरखान गैंग के मुख्य सदस्य सोनू मूंछ समेत चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था। गिरोह के सरगना शेरखान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उत्तर प्रदेश में दबिश दे रही है।

क्या है मामला?

21 नवंबर 2024 को सुमन देवी, जो कि किशनपुर की निवासी हैं, ने थाना राजपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी सहेली रितु मेहता ने उन्हें अपनी किशनपुर स्थित संपत्ति (जमीन और बंगला) की देखरेख का जिम्मा सौंपा था। शिकायत में यह भी बताया गया कि शेरखान नामक एक व्यक्ति और उसके साथियों ने उनके बंगले और जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और उन पर कब्जा करने का प्रयास किया। इस पर थाना राजपुर में मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

गिरफ्तारी और कार्रवाई

आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया था। टीम ने रजिस्ट्री कार्यालय देहरादून, राजस्व विभाग और विभिन्न बैंकों से दस्तावेज प्राप्त किए और धोखाधड़ी में शामिल गिरोह के सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर 27 दिसंबर 2024 को शेरखान गैंग के चार मुख्य आरोपियों – सोनू मूंछ (विकास सुंदरियाल), विनोद कुमार (केडी), महेश चौहान और प्रमोद गिरि को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया।

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में मोहम्मद अकबर का नाम सामने आया। पुलिस ने उसे सहारनपुर, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।

शेरखान गैंग का modus operandi

थाना राजपुर प्रभारी पीडी भट्ट ने बताया कि शेरखान गिरोह के सदस्य खाली पड़ी जमीनों और मकानों की रेकी करते थे, जिन पर कोई नहीं रहता था। इसके बाद, फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन संपत्तियों पर कब्जा किया जाता था। गिरोह के सदस्य शेरखान के लिए काम करते हैं और इस तरह से कई संपत्तियों पर कब्जा कर चुके हैं। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद अब जांच की जा रही है कि गिरोह ने और किन-किन संपत्तियों पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा किया है।

इस मामले में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, और पुलिस शेरखान गिरोह के अन्य सदस्य और उनके द्वारा कब्जे की गई संपत्तियों की भी जांच कर रही है।



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