Uttarakhand
उम्रकैद नहीं, बेटी के कातिलों को फांसी चाहिए थी……
कोर्ट ने सभी आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है, और साथ ही अंकिता के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
हालांकि, इस फैसले से अंकिता के माता-पिता संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें उम्रकैद नहीं बल्कि फांसी की सजा की उम्मीद थी। अंकिता की मां ने मीडिया से कहा:
“जिन्होंने हमारी बेटी को मौत दी, उन्हें भी मौत मिलनी चाहिए थी। उन्होंने हमारा घर बर्बाद कर दिया। हम चाहते थे कि हमारे जिंदा रहते इन हत्यारों को फांसी की सजा मिले।”