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उत्तराखंड-बंपर निवेश पर सीएम धामी की पीठ थपथपाई, गृह मंत्री शाह ने जताया भरोसा

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उत्तराखंड, देहरादून/रुद्रपुर: वर्ष 2023 में आयोजित निवेशक सम्मेलन की यादें एक बार फिर ताज़ा हो गईं, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रुद्रपुर में आयोजित निवेश उत्सव के मंच से उत्तराखंड की उपलब्धियों को खुलकर सराहा। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए “पराक्रमी नेतृत्व” की संज्ञा देते हुए “सुपर शाबासी” दी। गृह मंत्री शाह ने याद दिलाया कि 2023 के सम्मेलन के समापन पर उन्होंने सीएम धामी से कहा था कि एमओयू लाना पराक्रम नहीं है, असल पराक्रम उन्हें धरातल पर उतारने में है। और अब डेढ़ साल बाद, उन्होंने स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री धामी और उनकी टीम ने इस लक्ष्य को बखूबी हासिल किया है।

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी की गजब की कैमिस्ट्री है। इस कैमिस्ट्री का कमाल ही है कि निवेश के मामले में उत्तराखंड ने ऊंची छलांग लगाई है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सीएम ने कड़ी मेहनत की है। निवेशकों को बेहतर सुविधाएं और माहौल देने के लिए उनके प्रयासों पर अब सफलता का रंग चढ़ रहा है। पीएम सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों से दिल्ली जाकर सीएम लगातार मिलते रहे हैं। केंद्र की सहायता से उत्तराखंड को अपने संकल्प को पूरा करने में खासी मदद मिली है।

पराक्रम की मिसाल बना उत्तराखंड: शाह की तीन बड़ी स्वीकारोक्तियाँ

  1. “उत्तराखंड के प्रतिनिधि के रूप में मैं धामी जी और उनकी टीम को बधाई देता हूं, क्योंकि आज एक लाख करोड़ का निवेश जमीनी सच्चाई बन गया है।”

  2. “पहाड़ी राज्यों में निवेश लाना आसान नहीं होता, लेकिन धामी जी ने इसे संभव कर दिखाया। इस निवेश से अब तक 81 हजार से अधिक रोजगार के अवसर बने हैं।”

  3. “औद्योगिक विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाते हुए धामी सरकार ने पारदर्शी नीतियों, तेज़ क्रियान्वयन और दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ उत्तराखंड को विकास के नए शिखर पर पहुंचाया है।”

शाह की जुबां पर बार-बार आया सीएम धामी का नाम

अमित शाह ने न केवल सीएम धामी को “लोकप्रिय, यशस्वी और भाई” कहकर संबोधित किया, बल्कि उनके नेतृत्व और नीतियों की भी खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आज जो निवेश माहौल बना है, वह किसी एक दिन में नहीं, बल्कि स्थिर नेतृत्व, मजबूत नीतियों और केंद्र के सहयोग से संभव हो पाया है।

उन्होंने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि निवेश लाना तभी संभव होता है, जब बुनियादी ढांचे, सुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति का संतुलन हो – और यह संतुलन उत्तराखंड में स्पष्ट रूप से दिख रहा है।

ब्रांडिंग भी, भरोसा भी

शाह ने उत्तराखंड की उन योजनाओं और औद्योगिक नीतियों का भी सिलसिलेवार ज़िक्र किया, जिनकी वजह से राज्य निवेशकों के लिए “पसंदीदा डेस्टिनेशन” बनता जा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार, उत्तराखंड के हर विकास प्रयास में उसकी “शक्ति और संबल” बनी रहेगी।

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