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Uttarakhand

उत्तराखंड के सरकारी खेल मैदानों में खेलना होगा महंगा, 3 गुना तक की गई वृद्धि।

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देहरादून – उत्तराखंड के सरकारी खेल मैदानों में इस महीने से खेलना महंगा हो गया है। सरकार ने विभिन्न खेलों के लिए खेल अवस्थापना सुविधा शुल्क में आयोजकों के लिए तीन गुना से अधिक की वृद्धि की है। वहीं सरकारी खेल मैदानों में अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों को दो गुना अवस्थापना सुविधा शुल्क देना होगा। बहुउद्देशीय हॉल के लिए पहले कोई शुल्क नहीं था लेकिन अब इसके लिए प्रतिदिन का पांच हजार से लेकर 30 हजार रुपये तक शुल्क तय किया गया है। शासन की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है।

शासन ने हॉकी, फुटबॉल और क्रिकेट मैदान के लिए अलग-अलग दरें तय की हैं। हॉकी और फुटबाॅल के मैदान के लिए अब पांच सौ रुपये से लेकर प्रतिदिन 15 हजार रुपये तक लिए जाएंगे। क्रिकेट मैदान के लिए दो हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक लिए जाएंगे। इसके अलावा बिजली का बिल अलग से देय होगा। एथलेटिक्स मैदान के लिए दो हजार रुपये से लेकर 30 हजार रुपये, कुश्ती, जूड़ो, ताइक्वांडो, कराटे के लिए प्रति हॉल प्रतिदिन की दर से 1500 रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक लिए जाएंगे। वॉलीबाल, कबड्डी, खो-खो, हैंडबाॅल, शूटिंगबाॅल, नैटबाॅल, तलवारबाजी कोर्ट के लिए प्रति मैदान प्रतिदिन पांच सौ रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक लिए जाएंगे।

बास्केटबाॅल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, टेबल टेनिस प्रति टेबल, वेटलिफि्टंग हॉल, बॉक्सिंग रिंग के लिए भी अलग-अलग दरें तय की गई हैं। इसके अलावा प्रशिक्षण शिविरों में प्रवेश करने वाले खिलाड़ियों से भी प्रवेश शुल्क लिया जाएगा। क्रिकेट, एथलेटिक्स, हॉकी, फुटबॉल, कुश्ती, भारोत्तोलन, वॉलीबाल, बास्केटबाॅल, हैंडबॉल, कबड्डी आदि खेलों के लिए प्रतिवर्ष खिलाड़ियों से 150 रुपये से लेकर 300 रुपये तक लिए जाएंगे।

अपर सचिव खेल जितेंद्र कुमार सोनकर के मुताबिक विभाग के मैदान और हॉल को खाली समय में स्कूलों एवं खेल एसोसिएशनों को दिया जा सकेगा। इसके लिए विभाग की ओर से जो शुल्क लिया जाएगा उसे खेल विकास निधि में जमा किया जाएगा। जिसके माध्यम से खेल और खेल सुविधाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। अपर सचिव के मुताबिक ऐसी एसोसिएशन जो बच्चों से पैसा लेकर टूर्नामेंट कराती हैं उनसे शुल्क लिया जाएगा जबकि बच्चों से पैसा न लेने वाली एसोसिएशनों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

प्रदेश के नगर निगम क्षेत्र से बाहर के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी, राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी, अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय पदक विजेता खिलाड़ी, राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभागी खिलाड़ी, राज्यस्तर पर दो वर्षों में पदक विजेता खिलाड़ी, आठ से 14 साल एवं 14 से 23 साल के मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के चयनित खिलाड़ी।

प्रदेश में खेल अवस्थापना सुविधा के लिए शासन की ओर से स्थानीय, जिलास्तर, राज्यस्तर, राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए अलग-अलग शुल्क तय किया गया है।

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