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उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घन्ना भाई (घनानंद) का निधन , कला जगत में शोक की लहर….

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देहरादून : उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घन्ना भाई (घनानंद) अब हमारे बीच नहीं रहे। घनानंद, जो उत्तराखंड रंगमंच के मझे हुए कलाकार थे, का निधन लंबी बीमारी के बाद देहरादून के एक निजी अस्पताल में हुआ। उनका निधन क्षेत्र के कला जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।

घनानंद का जन्म और शिक्षा:

घनानंद का जन्म 1953 में पौड़ी के गगोड़ गांव में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कैंट बोर्ड लैंसडाउन, जिला पौड़ी गढ़वाल में हुई थी। उन्होंने बचपन से ही अभिनय और नाटकों में रुचि दिखाई थी और इसके बाद अपने कला जीवन की शुरुआत की।

कला यात्रा:

घनानंद ने 1970 में रामलीलाओं और नाटकों के माध्यम से हास्य कलाकार के रूप में अपने सफर की शुरुआत की। उनकी अदाकारी ने स्थानीय जनता में खास पहचान बनाई। 1974 में, उन्होंने रेडियो और बाद में दूरदर्शन पर कई कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, जिससे उनकी लोकप्रियता में और वृद्धि हुई।

उनकी विशेषता उनके हास्य संवाद और अभिनय में थी, जो हमेशा लोगों को हंसी से लोटपोट कर देती थी। उत्तराखंड के रंगमंच और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति हमेशा याद की जाएगी।

कला जगत की अपूरणीय क्षति:

घनानंद का निधन उत्तराखंड के कला और रंगमंच जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनका नाम उत्तराखंड की कला संस्कृति में अमर रहेगा।

उनके निधन से उत्तराखंड के लोक कला प्रेमियों और रंगमंच के कलाकारों में शोक की लहर है।



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