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Uttarakhand

आज किसानों के लिए बड़ा दिन, पीएम मोदी ने लॉन्च की दो बड़ी योजनाएं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नई दिल्ली में कृषि और संबंधित क्षेत्रों में ₹42,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास किया। उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में आयोजित कार्यक्रम में किसानों से सीधा संवाद भी किया।

प्रमुख योजनाएं:

  1. प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (लागत: ₹24,000 करोड़ रुपये)
    इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना, टिकाऊ खेती की पद्धतियों को अपनाना, भंडारण क्षमता में सुधार और सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना है। साथ ही, यह योजना चयनित 100 जिलों में किसानों को अल्पकालिक और दीर्घकालिक ऋण की सुगमता भी सुनिश्चित करेगी।

  2. दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन (लागत: ₹11,440 करोड़ रुपये)
    इस मिशन के तहत दालों की उत्पादकता बढ़ाने, खेती के क्षेत्र को विस्तारित करने, मूल्य श्रृंखला को सुदृढ़ करने और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने पर बल दिया जाएगा।

अन्य उद्घाटन और शिलान्यास:

प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी 5,450 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। साथ ही 815 करोड़ रुपये की नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई।

इन परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • बेंगलुरु और जम्मू-कश्मीर में कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र

  • अमरेली और बनास में उत्कृष्टता केंद्र

  • असम में आईवीएफ लैब

  • मेहसाणा, इंदौर और भीलवाड़ा में दूध पाउडर संयंत्र

  • तेजपुर (असम) में मछली चारा संयंत्र

  • कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर, एकीकृत कोल्ड चेन और अन्य अवसंरचनात्मक परियोजनाएं

प्रधानमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई, उनमें:

  • आंध्र प्रदेश के कृष्णा में कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना

  • उत्तराखंड में ट्राउट मत्स्य पालन

  • नागालैंड में एकीकृत एक्वा पार्क

  • पुडुचेरी के कराईकल में स्मार्ट मत्स्य बंदरगाह

  • ओडिशा के हीराकुंड में अत्याधुनिक एक्वा पार्क शामिल हैं।

किसानों से संवाद:

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दलहन की खेती करने वाले किसानों से सीधा संवाद किया। उन्होंने किसानों से मूल्य श्रृंखला आधारित योजनाओं के अनुभव साझा करने को कहा और सरकार की किसान-कल्याण नीतियों की जानकारी दी।

प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता:

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा कि यह कार्यक्रम कृषि आत्मनिर्भरता, किसान कल्याण और ग्रामीण अवसंरचना को मजबूत करने के प्रति प्रधानमंत्री की गहन प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह आधुनिक कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने और किसानों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।





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