Uttarakhand

अशासकीय स्कूलों में होने वाला है यह बड़ा बदलाव, शिक्षा विभाग की यह तैयारी

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शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड के अशासकीय स्कूलों को राजकीयकरण कराने का प्रस्ताव दिया है। जो भी स्कूल राजकीयकरण के लिए प्रस्ताव देंगे उन पर सरकार तत्काल कार्यवाही करेगी। राज्य में अशासकीय स्कूलों की संख्या 500 से ज्यादा है।

सोमवार शाम यमुना कालोनी स्थित अपने कैंप ऑफिस में ऑनलाइन माध्यम से विभागीय समीक्षा के दौरान मंत्री ने कहा कि सरकार अशाकीय स्कूलों के राजकीयकरण के लिए पूरी तरह से तैयार है।

इन स्कूलों में रिक्त शैक्षिक और शिक्षणेत्तर पदों को लोक सेवा आयोग अथवा अधीनस्थ सेवा चयन के माध्यम से भरा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। बैठक में अधिकारियों ने यह बात रखी थी कि इन स्कूलों में शिक्षकों के अभाव में पढाई प्रभावित हो रही है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कई वर्षों से अशासकीय विद्यालयों की भर्तियों में अनियमितता व भाई-भतीजावाद की शिकायतें मिलती रही है। इसलिए ही रिक्त पदों को भरने के लिये एक ठोस नीति बनाने के निर्देश पूर्व में ही विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

शिक्षा मंत्री ने बेसिक और जूनियर स्तर के मॉडल स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद प्राथमिकता से भरने के निर्देश दिए। कहा कि बेसिक शिक्षकों की वर्तमान भर्ती में चयनित शिक्षकों केा अस्थायी रूप से बेसिक मॉडल स्कूलों में नियुक्त किया जाए।

जबकि जूनियर स्तर पर सरप्लस शिक्षकों के समायोजन से पद भरे जाएं। कुछ समय बाद मॉडल स्कूलों के लिए ठोस नियमावली बना ली जाएगी। शिक्षा मंत्री ने सभी अधिकारियों से उनके जिलों के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का ब्योरा एक हफ्ते के भीतर तैयार करन मुहैया कराने के निर्देश भी दिए। बैठक में डीजी-शिक्षा झरना कमठान, अपर निदेशक एवं एपीडी समग्र शिक्षा डॉ. मुकुल सती आदि मौजूद रहे। बाकी अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।



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