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अमेरिकी सैनिक या सशस्त्र बल को निशाना बनाया ,तो बाइडन प्रशासन दुश्मनों से निपटने के लिए पूरी तरह है तैयार।
विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा, “हम यह बिल्कुल नहीं चाहते, न ही हम इसकी उम्मीद करते हैं। हम अपने सैनिकों और सैन्य बलों को निशाना बनते नहीं देखना चाहते। लेकिन अगर ऐसा होता है तो हम आगे की कार्रवाई के लिए तैयार हैं।” अमेरिकी रक्षा मंत्री ने उनकी बात दोहराते हुए कहा कि हम संघर्ष में बढ़ोतरी और अपने सैन्य बलों और लोगों पर हमले की संभावना को भी देख रहे हैं। लेकिन अमेरिका के पास अपने बचाव का पूरा अधिकार है और हम अपनी सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने से चूकेंगे नहीं।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इस्राइल-हमाल संघर्ष के बीच कोई भी दूसरा या तीसरा फ्रंट बनते नहीं देखना चाहता है। हालांकि, ईरान के परोक्ष साथी हमारी सेना को निशाना बना सकते हैं। इसलिए हम वह कदम उठा रहे हैं, जिनसे हम अपने लोगों की रक्षा कर पाएं और निर्णायक स्तर पर हमला करने वालों को जवाब दे पाएं। उन्होंने बताया कि पश्चिमी एशिया क्षेत्र में दो एयरक्राफ्ट बैटल ग्रुप्स को तैनात किया गया है, जो कि भड़काने के लिए नहीं, बल्कि किसी भी तरह की हरकत को रोकने के लिए हैं, ताकि यह साफ रहे कि अगर कोई कुछ करने की कोशिश करता है, तो हम वहां मौजूद हैं।
गौरतलब है कि अमेरिकी मंत्रियों के ये बयान ऐसे समय में आए हैं, जब इस्राइल-हमास के बीच संघर्ष तीसरे हफ्ते में पहुंच चुका है। इस्राइल पर गाजा पट्टी के साथ-साथ लेबनान और सीरिया के क्षेत्रों से भी हमलों को अंजाम दिया गया, जिसके जवाब में इस्राइली लड़ाकू विमानों ने हिज्बुल्ला के ठिकानों को तबाह किया। इन हालात के मद्देनजर अमेरिका ने पश्चिमी एशिया में अपने नागरिकों को सतर्क रहने के लिए कहा है। साथ ही इराक में अपने दूतावास से सभी गैर-जरूरी स्टाफ को वापस बुलाया है।