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अब पंजाब में क्यों हड़ताल पर गए डॉक्टर? अस्पतालों में इंतजार करते रहे मरीज

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पंजाब में सरकारी चिकित्सकों ने पदोन्नति और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों समेत अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए सोमवार को पूरे राज्य में तीन घंटे के लिए बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाएं निलंबित कर दीं। प्रदर्शनरत चिकित्सकों ने बताया कि पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित यह विरोध प्रदर्शन जिला और उप-मंडलीय अस्पतालों तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 11 सितंबर तक जारी रहेगा।

इन सरकारी अस्पतालों में आ रहे कई मरीजों को सुबह आठ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं निलंबित रहने के कारण असुविधा का सामना करना पड़ा। हालांकि, आपात सेवाएं जारी थीं। पीसीएमएस एसोसिएशन (पटियाला इकाई) के अध्यक्ष डॉ. सुमित सिंह ने कहा कि सुनिश्चित करियर प्रगति (एसीपी) योजना बहाल करना प्रदर्शनरत चिकित्सकों की मुख्य मांगों में से एक है।

सिंह ने कहा कि अन्य विभागों के विपरीत, चिकित्सकों के पास अपने करियर के दौरान पदोन्नति के कई तरीके नहीं होते हैं, जिसकी भरपाई वार्षिक करियर प्रगति योजना के माध्यम से की जाती है लेकिन 2021 में इसे रोक दिया गया।

एसीपी योजना सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय लाभ और उच्च वेतन उपलब्ध कराती है। एसोसिएशन अस्पतालों में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपायों तथा और चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की भी मांग कर रही है।

चिकित्सक संघ ने रविवार रात की एक घटना का उल्लेख किया जिसमें मोहाली के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दो अज्ञात पुरुषों ने आठ माह की गर्भवती चिकित्सक के साथ दुर्व्यवहार किया तथा इंजेक्शन लेकर फरार हो गए।

पुलिस ने इस संबंध में एक मामला दर्ज किया है। इस बीच, पटियाला के माता कौशल्या हॉस्पिटल में जांच के लिए आए मरीजों को ओपीडी सेवाएं निलंबित रहने के कारण असुविधा का सामना करना पड़ा। पीसीएमएस एसोसिएशन के प्रतिनिधियों और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा के बीच एक बैठक बुधवार को होनी है। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि अगर बैठक से कोई खास नतीजा नहीं निकला और पदोन्नति संबंधी अधिसूचना जारी नहीं की गयी तो बृहस्पतिवार से सभी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी।

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