Uttarakhand
अफसरों के लिए काम की साबित हो रही चैट जीपीटी, योजनाओं और उनकी प्रगति देखने में मददगार हो रही साबित।
देहरादून – किस योजना के तहत किस क्षेत्र में कितना काम हुआ है, चैट जीपीटी से अब इसका पता लगाना आसान हो रहा है। सचिवालय के कई आईएएस अफसर इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ लेने लगे हैं। आने वाले समय में उन्हें योजनाओं की प्रगति देखने में और आसानी हो जाएगी।
दरअसल, चैट जीपीटी एक ऐसा मॉडल है, जो बड़ी मात्रा में टेक्स्ट डाटासेट पर तैयार किया गया है। अंग्रेजी भाषा में इसे चैट जेनरेटिव प्रिंटेड ट्रांसफार्मर कहते हैं। इसका निर्माण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से किया गया है। धीरे-धीरे यह अत्याधुनिक सुविधा सचिवालय के अफसरों के लिए भी काम की साबित होने लगी है।
वह अपनी योजनाओं और उनकी प्रगति को लगातार देख सकते हैं। आर्टिफियल इंटेलीजेंस से उन्हें ये पता लगाने में भी आसानी होगी कि किस योजना के तहत क्या काम होने हैं। कितने काम पूरे हैं। कितने अधूरे हैं। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल का कहना है कि चैट जीपीटी एक मशीन लर्निंग है।
भविष्य में में बढ़ सकता है उपयोग
इस आभासी दुनिया में आपके पास काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर भविष्य में इसका उपयोग बढ़ सकता है। एक अन्य वरिष्ठ आईएएस का कहना है कि जिस तरह से चैट जीपीटी पर जानकारियों के साथ ही मशीन के माध्यम से विश्लेषण हो रहे हैं, वह आने वाले समय में एक नई क्रांति लेकर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकारों के लिए भी यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस काम का साबित हो सकेगा।
चैट जीपीटी पर कैसे करें काम
https://chat.openai.com/ पर पहले अपनी आईडी बनाएं। इसके बाद आप इसमें लॉगिन करें। लॉगिन करने के बाद आप जो भी चाहेंगे, उसी हिसाब से टाइप करें। आपको पूरी जानकारी पलक झपकते ही मिल जाएगी।