Uttarakhand
अतीक अहमद के दो मंजिला मकान पर चला सीएम धामी का बुल्डोजर, कई और गैंगस्टर मुख्यमंत्री के रडार पर!
देहरादून – लैंड जिहाद के खिलाफ धामी सरकार की कार्यवाही लगातार जारी है, अभी तक वन विभाग द्वारा 25 सौ हेक्टियार भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया है… तो वहीं शहरी क्षेत्रों से भी धामी का बुलडोजर धड़ाम से अतिक्रमण को ढहा रहा है। गैंगस्टर हों या भू -माफिया सभी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा रही है। वहीं देहरादून के गैंगस्टर अतीक अहमद का घर भी धामी के बुलडोजर ने धड़ाम से गिराया है।
जिस घर की तस्वीरें आप ध्वस्त होते हुए अपने मोबाइल की स्क्रीन पर देख रहे हैं.. यह गैंगस्टर अतीक अहमद का डबल स्टोरी मकान है। देहरादून के अतीक का यह मकान सरकारी भूमि पर कब्जा कर एक बीघे से ज्यादा भूमि पर बनाया गया था। जिसको मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने ध्वस्त किया है। साथ ही अतीक अहमद की अन्य संपत्ति और गाड़ियों को भी अटैच किया गया है। एसएसपी देहरादून ने बताया कि दर्जनों अन्य गैंगस्टरों के खिलाफ भी इसी तरह की कार्यवाही की जाएगी।
सीएम धामी के निर्देशों पर अभी तक वन भूमि से 450 मजारे, 42 मंदिर और दो गुरुद्वारे हटाए गए हैं जबकि 21 सौ एकड़ से ज्यादा वन भूमि अतिक्रम मुक्त कराई गई है। वही अन्य सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार गतिमान है। खासतौर देहरादून जिले में अभी तक 1415 का अतिक्रमण हटाए गए हैं। इसके अलावा हरिद्वार में 259, पौड़ी में 7, टिहरी में 106, चमोली में 47, उधम सिंह नगर में 416 नैनीताल में 19, अल्मोड़ा में चार, पिथौरागढ़ में पांच और बागेश्वर में एक अतिक्रमण हटाया जा चुका है।
उधर भाजपा ने कहा है कि सरकार और पार्टी का एक ही स्टैंड है कि लैंड जिहाद की घटनाओं को कतई भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश हैं कि जो भी लैंड जिहाद करेगा उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर अभी तक कई एकड़ भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा चुका है। जिसके जद में सैकड़ों मजारों को ढहाया जा चुका है। साथ ही अन्य सरकारी भूमि से भी अतिक्रमणकारियों को हटाया जा रहा है। खासकर गैंगस्टरों की सामत आ गई है। अभी गैंगस्टर अतीक का घर ध्वस्त किया गया है इसके बाद अन्य गैंगस्टर के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई के मूड में मुख्यमंत्री दिखाई दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कितने लोगों के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही की जाती है।