Uttarakhand
अग्निवीरों को मिलेगा सरकारी नौकरियों में आरक्षण

देहरादून: उत्तराखंड में युवाओं, सुरक्षा बलों और सामाजिक मुद्दों से जुड़े मामलों पर सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई, जिसमें कुल 26 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इनमें से कई फैसले राज्य की सामाजिक, सुरक्षा और प्रशासनिक दिशा को प्रभावित करने वाले हैं।
अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण
राज्य सरकार ने केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को समूह ‘ग’ की वर्दीधारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण देने का फैसला किया है। यह आरक्षण सीधी भर्ती में लागू होगा और केवल उन्हीं अग्निवीरों को मिलेगा जो उत्तराखंड के मूल निवासी या स्थायी निवासी होंगे।
सरकार का अनुमान है कि अगले वर्ष तक पहले बैच के अग्निवीर सेवा पूरी करेंगे, जिसके बाद करीब 850 पदों पर भर्ती की जाएगी।
यह आरक्षण निम्न विभागों में लागू होगा:
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अग्निशमन एवं नागरिक पुलिस (कांस्टेबल/उपनिरीक्षक)
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कारागार विभाग (बंदी रक्षक)
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वन विभाग (वन रक्षक)
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राजस्व पुलिस (पटवारी)
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आबकारी विभाग (पुलिस बल)
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परिवहन विभाग (पर्वतन दल)
धर्मांतरण कानून हुआ और सख्त
बैठक में धर्मांतरण कानून में सख्ती लाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। अब यदि कोई व्यक्ति बलपूर्वक, छलपूर्वक या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराता है, तो उसे:
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अब 14 साल तक की सजा हो सकती है (कुछ विशेष मामलों में 20 साल तक)
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जुर्माने की राशि भी 50 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है।
सरकार का कहना है कि यह बदलाव राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किया गया है।
लखवाड़ परियोजना के प्रभावितों को बढ़ा मुआवजा
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि लखवाड़ जल विद्युत परियोजना से प्रभावित परिवारों को नैनबाग क्षेत्र के सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।